क्या देख रहे हो?
अच्छा! फोटो खीचने आये हो?
फोटो सिर्फ मोडल और मुरदो के खिचो, पैसे मिलेंगे तुमको|
ये कुदरत तुम्हारी नहीं सुनेगी, और न तूम उसकी सुनोगे!
क्या तुम्हे लगता है की कुदरत तुम्हारी राह देखती हुई, बन-थन कर बैठी रहती है?
"कब मेरा फोतुग्रफार आएगा, और मेरे हरे भरे वादियों की फोटो खीच कर छापेगा"?
क्या देख रहे हो?
मोडल को दिल दे बैठे हो क्या? या सपनो में मुरदो के चेहरे नज़र आते है
या फिर कुदरत ने धोखा दिया?
अच्छा चलो मेरा फोटो खिचो ज़रा|
अरे क्या देख रहे हो?
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